अनिश्चित काल हड़ताल को प्रदर्शन बता कर प्रशासन को चकमा देने की कोशिश

Calling the Indefinite Strike a Demonstration
अर्थ प्रकाश / खुशविंदर धालीवाल 6 दिसम्बर : Calling the Indefinite Strike a Demonstration: बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ 6 दिसम्बर को यू टी पॉवर मैन यूनियन के मास प्रदर्शन ( जैसा कि यूनियन द्वारा बताया जा रहा है ) को चंडीगढ़ प्रशासन ने गंभीरता से लिया है l प्रशासन के अनुमान से ये सांकेतिक प्रदर्शन ना हो कर यूनियन के लीडर्स की चाल हो सकती है l क्यों कि ये धरना या हड़ताल बाकायदा लीगल नोटिस भेज कर किया जा रहा है l बिजलीकर्मियों बिजली न होने के कारण चंडीगढ़ निवासिओं को कई तरह की समस्याओं को सामना कर पड़ सकता है l आज डिजिटल युग में रोड से लेकर अस्पताल तक व बैंकिंग से लेकर कम्युनिकेशन तक सब बिजली पर ही निर्भर है l इस के लिए बकायदा चंडीगढ़ के इंजीनियरिंग सचिव ने दिनांक 3/12/24 को पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन को G1-2024/521-29 एक आधिकारिक पत्र लिख कर ज़रूरत के हिसाब से चंडीगढ़ की बिजली व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने की मांग की थी जिसे लेटर नंबर 117 के ज़रिए चार जूनियर इंजीनियर दस लाइन मैन और 25 असिस्टेंट लाइन मैन को पत्र जारी कर एक दिन के लिए चंडीगढ़ में नियुक्ति के आदेश दिए है l वहीं इस के लिए भाखड़ा व्यास एम्पलाइज यूनियन के जनरल सेक्रेटरी सुरेश कुमार सैनी ने भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के डायरेक्टर को लेटर लिखकर| चंडीगढ़ में| ब्यूटी पावर मैन यूनियन की 6 दिसम्बर को होने वाली अनिश्चितकाल हड़ताल के लिए| चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा मांगे गए अस्सिटेंट लाईनमैन 24 लाइनमैन लाइन मैन 24 जूनियर इंजीनियर 9 व 11 ड्राइवर ना देने का अनुरोध किया है क्योंकि सुरेश सैनी के अनुसार अनुचित श्रम व्यवहार होगा क्योंकि ऐसा करना इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट 1947 के सेक्शन 5 का उलघ्न है l
विभागीय काम है मैं ये तो कन्फर्म नहीं कर सकता कि बोर्ड अपने कर्मचारियों को चंडीगढ़ में एक दिन के लिए नियुक्ति करता है या नहीं पर चंडीगढ़ में बिजली की सप्लाई निर्विरोध रूप से हो इस का हर सम्भव प्रयास किया जाएगा
अजय शर्मा
विशेष सचिव बी बी एम बी
प्रशासन यदि बिजली विभाग का निजीकरण कर रहा है तो बुराई क्या है इस से विभागीय प्रणाली में सुधार ही होगा बाकी धरना, प्रदर्शन, हड़ताल हक़ है कर्मचारी का वो अपने हको के लिए लड़ते ठीक है लेकिन प्रदर्शन या हड़ताल से जनसाधारण को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए

कारोबारी चंडीगढ़
मैं निजीकरण के 100% हक में हूं बिल्कुल निजीकरण होना चाहिए आप देखिए सरकारी कर्मचारियों की कितनी कितनी तनख्वाह है लेकिन काम वह करते नहीं बिल्कुल भी कोई आपको काम पड़ जाए बिजली विभाग में तो आप चले जाओ लेकिन वहां पर कोई आपकी बात नहीं सुनता अगर फोन करो तो फोन नहीं उठाते अगर किसी सरकारी कर्मचारी की तनख्वाह की तुलना प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी की तनख्वाह में तो कई गुना फर्क है और काम यह उनके बराबर बिल्कुल नहीं करते हैं|

टैक्स कंसल्टेंसी ओनर
हम चंडीगढ़ प्रशासन के निजीकरण के फैसले का पुरजोर विरोध करते हैं और इसीलिए हम हम अपने विभाग के डायरेक्टर को यह पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कल की हड़ताल के लिए| चंडीगढ़ प्रशासन को कर्मचारी न दिए जाएं क्योंकि हमारे कर्मचारी जो बड़ी लाइनों पर काम करने वाले हैं उनको छोटी लाइनों पर काम करने का कोई भी अनुभव नहीं है और वैसे भी हम चंडीगढ़ पावर मैन यूनियन के भाइयों के समर्थन में है हम निजीकरण का विरोध करते हैं|

सचिव भाखड़ा ब्यास एम्प्लॉयज़ यूनियन
मैं चंडीगढ़ का रेसिडेंट हूं चंडीगढ़ का निवासी हूं इसके नाते मैं नहीं चाहता कि मेरे किसी भी शहर वासी को किसी भी तरह की और सुविधा हो| इसके नाते मैं चाहूंगा कि बिजली विभाग के जो यू टी पावर मैन यूनियन से उम्मीद करता हूं कि आप अपने हक़ की लड़ाई लड़ो पर किसी को कोई असुविधा ना हो हम आप के समर्थन में है निजीकरण नहीं होना चाहिए

कारोबारी चंडीगढ़